Hindi Dementia Toolkit
यह टूल किट डिमेंशिया से ग्रस्त किसी भी परिवार के सदस्य से बेहतर संवाद करने के लिए सहायता देने के लिए बनाई गई है।
डिमेंशिया से ग्रस्त व्यक्ति से संवाद करना
यह टूल किट डिमेंशिया से ग्रस्त किसी भी परिवार के सदस्य से बेहतर संवाद करने के लिए सहायता देने के लिए बनाई गई है। इस टूल किट में हमने उन आठ स्थितियों को दर्शाया है, जिनका सामना देखभालकर्ता या परिवार के सदस्य, डिमेंशिया से ग्रस्त व्यक्ति की देखभाल करते समय कर सकते हैं। इन परिदृश्यों में नींद ना आना, असहजता, नहाने ना जाना, कपड़े ना पहनना, शब्दों को दोहराना, गुस्सा करना, भूलना तथा झूठ बोलना, अपनी देखभाल ना कर पाना तथा बीते समय में रहने की स्थिति में बातचीत करना शामिल है। हर परिदृश्य में एक स्थिति को दर्शाया गया है। जिसके बाद कथा वाचक आता है और चर्चा करता है कि यह वार्तालाप एक अच्छी वार्तालाप क्यों नहीं थी? इसके बाद एक बेहतर वार्तालाप को दिखाया जाता है जिसके बाद कथा वाचक फिर से बताता है कि यह वार्तालाप किस तरह से बेहतर थी। टूल किट में डिमेंशिया से संबंधित अन्य सहायक संसाधनों की सूची भी शामिल की गई है।
हम आशा करते हैं कि यह टूल किट आपको डिमेंशिया से ग्रस्त व्यक्ति से संवाद करते समय चुनौतीपुर्ण व्यवहारों को संभालने के सही तरीके समझने में सहायक हो। इस टूल किट के द्वारा हम आपको कुछ ऐसी साधारण योजनाएं बताना चाहते हैं जो नकारात्मक बातचीतों
को कम करने में इस्तेमाल हो सकें तथा परिवार के सदस्यों के साथ सकारात्मक तरीके से
बातचीत तथा सही व्यवहार करने के तरीकों को ढूँढने में सहायक हों, ताकि आप और आपके परिवार के सदस्य अच्छे से जिंदगी गुज़ार सकें।
Interacting with Persons with Dementia in South Asian Communities
This toolkit has been created to help you to better interact with a person living with dementia. In this toolkit we describe 8 scenarios that family members/caregivers may encounter while caring for people with dementia. These scenarios include interactions relating to trouble sleeping, aggression, reluctance to take a bath, repetition, anger, misinforming, and being in the past. For each scenario an interaction is presented, followed by a narrator who comes in and discusses why the interaction was not ideal. The more ideal interaction is then presented followed again by the narrator highlighting why the second interaction was more ideal.
We hope that this toolkit will help you to understand the proper ways to handle challenging behaviour while interacting with a person with dementia. Through this toolkit we want to provide you with some simple strategies that you can use to reduce negative interactions and find ways to interact with the person living with dementia in a positive manner.